कंप्यूटर में Booting Kya Hai जाने बिलकुल आसानी से 2023 में

दोस्तों जब आप कंप्यूटर या लैपटॉप को चालू करते होंगे तो आपने कभी न कभी तो सोचा ही होगा की कंप्यूटर या लैपटॉप चालू कैसे होते है कंप्यूटर , लैपटॉप या दूसरी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस को शुरू करने की प्रकिर्या को Booting कहा जाता है । अब आप सोच रहे होंगे की Booting Kya Hai इस लेख में हम आपको Booting Kya Hai , बूटिंग कैसे काम करती है , बूटिंग कितने प्रकार की होती है , बूटिंग के क्या फायदे है और बूटिंग से जुडी समूर्ण जानकारी देने वाले है। अगर आप बूटिंग के बारे में जानना चाहते है तो इस लेख को शुरू से अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको अच्छे से समझ आ सके।

Booting Kya Hai?

Booting Machine के अंदर चलने वाली Process कहते हैं जिसकी मदद से कोई भी Computer System को Start और Turn Off होती है। इसमें Software Components Loading लेता है और फिर Hardware को Input दिया जाता है।

फिर एक System को Start किया जाता है। जिसकी मदद से Users किसी भी Devices से Interact करता है। और फिर Device Launch होता है, जिसमे Application और Hardware दोनों का इस्तेमाल होता है। आइये हम लोग जानते हैं की Booting कैसे काम करती है। 

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Booting कैसे काम करती है?

Booting  तब काम करती है, जब हम Computer Machine को चालू करते हैं। जब हम Computer को On करते हैं तो सबसे पहले Input/Output System (BIOS) काम करती है। उसके बाद Unified Extensible Firmware Interface (UEFI) अन्य सभी Components से Interface करती है।

जब सब कुछ सही रहता है तो Power – On Self – Test (POST), Hardware Components को चेक करती है, अगर कुछ दिक्क्त रहती है तो जानकारी Boot Loader को दी जाती है। 

Boot Loader

जब POST सभी Hardware Components को चेक कर लेती है तो उसके बाद Boot Loader सारा Control ले लेती है। Boot Loader का काम होता है की वह Opearting System और Ram से Interact कर सके।

साथ ही Boot Loader का काम यह भी होता है की Device Drivers को Intilaize कर सके। और Operating System के लिए जरुरी Environment जैसे Necessory Power इत्यादि को Provide कर सके। 

Operating System Initialization

जैसे ही Boot Loader Control को Transfer करती है Operating System को। उसके बाद से Intialization का Process चालु हो जाता है। उसके बाद Opearting System कई तरह के Task को Perform करती है।

जैसे, System Services को Setting करना, Nessary Drivers को Loading करना, Network Connection बनाना, और User Interface को Provide करना, इत्यादि यह काम होता है Opearting System का। 

Booting कितने प्रकार के होते हैं? – Types Of Booting In Hindi

दोस्तों इस तरह से कोई भी Computer Machine के अंदर Booting का Process होता है और फिर वह Computer Machine को User इस्तेमाल करता है। आइये अब हम लोग जानते हैं की Booting कितने प्रकार के होते हैं। 

Booting मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं, पहला होता है Cold Boot और दूसरा होता है Warm Boot. आइये हम आपको दोनों के बिच के अंतर के बारे में और इनकी विशेस्ताये के बारे में बतलाते हैं।

Cold Boot

जब कोई भी Computer System पूरी तरह से बंद रहता है और उसे चालु किया जाता है, तब इस दौरान होने वाले Booting Process को Cold Boot कहा जाता है।

Cold Boot के दौरान POST, Boot Loader और Operating System Initialization ये तीनो काम करती है तो इस System को Cold Boot कहा जाता है।

Warm Boot

Warm Boot को Soft Reset या Restart भी बोला जाता है। Warm Boot तब काम करती है जब Computer पहले से On होती है और उस Computer को Restart किया जाता है।

उस दौरान Boot Loader और POST का Function Bypassesd हो जाती है, और Opearting System का इस दौरान मुख्य काम होता है। इस Booting Process में काफी टाइम की बचत होती है और यह Cold Boot से Fast होती है। 

Booting के क्या फायदे होते हैं?

Booting एक बहुत ही महत्वपूर्ण Function होता है जिसकी मदद से किसी भी Computer मे Turn और Restart का Function होता है। Booting क्यों बहुत ही महत्वपूर्ण है आइये हम इस बात को जानते हैं। 

  • System Initialization
  • Security Measures
  • Performance Optimization
  • Multibooting और Operating System Selection

System Initialization

Booting एक बहुत ही महत्वपूर्ण Process है जिसकी मदद से पूरी Computer System को Intiliaized यानी चालु किया जाता है। Booting की मदद से Hardware Components और Software Modules में Communication बन पाते हैं ।

और फिर Computer के सभी Hardware और Software को चालु किये जाते हैं। बिना Booting के कोई भी Computer, Effectively Operate नहीं कर पाती है। इसलिए कभी – कभी Computer अच्छे से काम नहीं करती है तो हम लोग Computer को Restart करते हैं। 

Security Measures

Booting Process एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान निभाती है, किसी भी Computer के System Security को Threats होने से बचाती है। इसमें Secure Boot  और Trusted Boot की मदद से सबसे पहले Computers के Code Verified होते हैं ।

और फिर Code को Execute किया जाता है। जिससे की Potential Threats से Computer को Affect होने से बचाने में मदद करती है। 

Performance Optimization

जब भी Computer में Booting अच्छे से Function करता है तो वह Computer भी बहुत Effecient तरीके से काम करता है। इससे Devices की Performance पर भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान निभाता है।

हम कई प्रकार से Computer के अंदर Booting Process के होने वाले Time को Minimize कर सकते हैं। जैसे हम Computer को Hybernate और Sleep में डाल कर Computer के अंदर Booting Process के अंतर्गत होने वाले समय को कम कर सकते हैं। 

Multibooting और Operating System Selection

बहुत सारे Computer के अंदर Mutlibooting का Option होता है, इसमें User Computer को On करने से पहले Operating System का चुनाव कर सकते हैं। बहुत से लोग एक ही Computer में Multiple Opearting System रखती है।

इस समय हमे अपने Computer में Boot Loader को Comand देना होता है की हमे कौन सा Opearting System का चुनाव करना है। हालाँकि हम अपने Computer के अंदर Operating System को भी बदल या Upgrade कर सकते हैं। 

Conclusion

दोस्तों Booting एक बहुत ही महत्वपूर्ण Process होती है जो हमारे कंप्यूटर , लैपटॉप या दूसरे इलेक्टॉनिक्स डिवाइस को Opearte करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उम्मीद है की इस लेख में हमारे द्वारा दिया गया Booting Kya Hai से जुडी जानकारी आपके लिए हेल्पफुल रहा होगा फिर भी आप के मन में कोई सवाल हो तो कमेंट करके पूछ सकते है और यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

FAQs

कंप्यूटर में बूटिंग क्या होती है?

कंप्यूटर की मुख्य Memory यानि Random Access Memory ( RAM ) में Operating System को लोड करने की प्रक्रिया को कंप्यूटर बूटिंग कहा जाता है।

कंप्यूटर को बूट कौन करता है?

कंप्यूटर को बूट Operating System करता है।

कंप्यूटर के बूट होने पर चलने वाला पहला प्रोग्राम कौन सा है?

कंप्यूटर के बूट होने पर चलने वाला पहला प्रोग्राम BIOS है।

बूटिंग की आवश्यकता क्यों है?

बूटिंग की आवश्यकता इसलिए है ताकि Operating System के प्रारंभिक फाइले निर्देशों के साथ मुख्य मेमोरी में लोड हो जाए।

बूटिंग के बाद कौन सी स्क्रीन दिखाई देती है?

बूटिंग के बाद विंडोज सिस्टम में जो स्क्रीन दिखाई जाती है उसे Desktop के नाम से जाना जाता है।

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